स्तम्भ - ३६/२०२४
मुस्लिम वोटों पर भरोसा कर
हिंदुओं को जूते की नोक पर
रखने का नतीजा मिला MVA को -
उद्धव को समझना चाहिए कि
“एक हैं सेफ हैं” का क्या मतलब है -
MVA आज महाविकास अघाड़ी की जगह “महा विनाश अघाड़ी” बन गया - इन लोगों ने सोचा था जैसे कर्नाटक और तेलंगाना में 13 - 13 % मुसलमानों की आबादी से एकतरफा वोट लेकर दोनों राज्यों में सरकार बनाई थी, वैसे ही महाराष्ट्र के करीब 12% मुसलमानों के दम पर सरकार बना लेंगे और मुस्लिम वोट का भरोसा दिया AIMPLB के मौलाना सज्जाद नोमानी ने जिसके सामने कांग्रेस, शरद पवार और उद्धव लोट गए कि उसकी हर मांग मान ली, यहां तक RSS को बैन करने का भी वादा कर दिया -
आज की जीत के बाद साबित हुआ कि मुस्लिमों के एकजुट होकर MVA को वोट देना भी किसी काम नहीं आया और इसलिए अब मुस्लिमों को मिलने वाली सुविधाएं बंद कर देनी चाहिए क्योंकि जब कांग्रेस और उसके सहयोगी केवल मुस्लिमों के लिए योजनाएं लाते हैं तो फिर भाजपा को भी उन्हें योजनाओं से बाहर रखने का अधिकार है क्योंकि जब वोट ही नहीं देते तो किसी योजना का लाभ क्यों मिले -
नोमानी से MVA ने वादा किया किया तो उसने हिंदुओं का बहिष्कार करने की कॉल दे दी और दाना पानी बंद करने तक की धमकी दे दी - यह निश्चित है कि अगर MVA की सरकार बन जाती तो हिंदुओं का जीना दूभर कर दिया जाता क्योंकि नोमानी के हाथों बिक चुके थे - मतलब साफ़ है “बटोगे तो कटोगे” के नारे ने हिंदुओं को कटने से बचा लिया -
आज क्या हालत हुई है, MVA के तीनों घटकों की सीटों से भी ज्यादा अकेली शिंदे की शिवसेना
ने जीती हैं - कांग्रेस 15 सीट पर, उद्धव सेना 20 पर और शरद की पार्टी 10 सीट और 3 अन्य के साथ ये MVA कुल 48 सीट पर जीत पा हैं - जबकि शिंदे की पार्टी अकेले ही 57 सीट पर आगे है - भाजपा की कभी सबसे अधिक 122 सीट आई थी 2014 में लेकिन इस बार 133 सीट पर आगे हैं -
उद्धव को अपने कर्मों का फल मिला है, यह बात उसे समझ नहीं आएगी - मोदी का नारा “एक हैं तो सेफ हैं”, उद्धव पर खरा उतरता है लेकिन उसे समझ नहीं आएगा - उसे महसूस करना चाहिए कि जब तक भाजपा के साथ “एक” था तब तक “सेफ” था और हिंदुत्व की जड़ों से अलग हो कर ख़ाक हो गया - उद्धव को ख़ाक में मिलाने के लिए अकेले संजय राउत को जिम्मेदार कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा - संजय ने आज भी जनादेश को मानने से मना कर दिया और कह दिया कि हम इसे नहीं मानते क्योंकि ये जनता का मत है ही नहीं और फिर अडानी का रोना रोने लगा -
कांग्रेस की परेशानी यह हो गई कि वह महाराष्ट्र में ये आरोप भी नहीं लगा सकती कि EVM में गड़बड़
हुई है क्योंकि झारखंड में इंडी गठबंधन की भारी जीत हुई है -
महाराष्ट्र में अकेले भाजपा और शिंदे शिवसेना की 190 सीट आ गई और अजित पवार की कहीं इधर उधर भागने की कोई गुंजाइश ही नहीं बची वरना उसके दिमाग में था कि यदि वो किंगमेकर हुआ तो खिसक लेगा MVA में मुख्यमंत्री बनने के लिए -
इसके साथ ही शरद पवार की पार्टी का दीपक भी बुझ गया और उद्धव भी ख़त्म ही समझो - जिस तरह MVA मुस्लिमों मी गोद में जाकर बैठा था, उसे आज हिंदुओं की शक्ति का अहसास हो गया जिसकी वजह से NDA का वोट 50% तक पहुँच गया -
एक बात और ध्यान देने की है कि भाजपा की जीत में स्वयं भाजपा के साथ साथ RSS का बहुत बड़ा योगदान है -
भाजपा को अभूतपूर्व जीत के लिए बधाई -
भारत माता की जय और
नरेंद्र मोदी जिंदाबाद भी बोलना पड़ेगा -
जय जय भारत ... 🙏
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